Computer kiya hai hindi mai || What is computer


Computer kiya hai hindi mai || What is computer





Computer किया है (what is computer)
Computer


    computer kiya hai  hindi mai

कम्प्यूटर क्या होता है इसकी विशेषताएं, इतिहास, परिभाषा की हिंदी में जानकारी


कम्प्यूटर हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. स्कूल से लेकर ऑफिस तक में इसका इस्तेमाल रोजाना किया जाता है. और दैनिक कामकाज निपटाने के लिए घरों में भी कम्प्यूटर का उपयोग खूब किया जा रहा है.

इसलिए हम सभी को अच्छी तरह से कम्प्यूटर का परिचय होना चाहिए. तभी हम इस इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का उपयोग ठीक ढंग से करने में कामयाब हो सकते है. साथ ही प्रतियोगि परिक्षाओं में भी कम्प्यूटर से संबंधित महत्वपूर्ण सवाल पूछे जाते है. इस कारण भी कम्प्यूटर की बेसिक जानकारी होना जरुरी हो जाता है.

इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए मैंने यह लेख तैयार किया है. जिसमें कम्प्यूटर की पूरी जानकारी दे रहा हूँ. अध्ययन की सुविधा के लिए इस लेख को निम्न भागों में बांटा है.

Table of Content


कम्प्यूटर क्या है?


कम्प्यूटर की परिभाषा क्या है?


कम्प्यूटर का पूरा नाम क्या है?


कम्प्यूटर के प्रकार


कम्प्यूटर का परिचय


कम्प्यूटर की विशेषताएं


कम्प्यूटर की सीमाएं


कम्प्यूटर का इतिहास


कम्प्यूटर फील्ड में करियर


अन्य संबंधित लेख


कम्प्यूटर क्या है – What is Computer in Hindi?

Computer का नाम सुनते ही मन में सैंकडो‌ विचार आने लगते है. क्योंकि Computer सैंकडो‌ गतिविधियां अकेला कर सकता है. हाँ, सैंकडो! आपने सही पढा‌ और वो भी एक साथ.

Computer को शब्दो मे बांधना थोडा सा मुश्किल होता हैं. ऐसा इसलिए है कि हर इंसान Computer का उपयोग अलग‌-अलग कार्यों के लिए करता है.

कम्प्यूटर के बारे में एक आम धारणा भी प्रचलित है कि Computer एक अंग्रेजी शब्द है. Computer का हिंदी में मतलब (Computer Meaning in Hindi) “गणना” होता है. इसका मतलब कम्प्यूटर एक गणकयंत्र (Calculator) है. लेकिन, कम्प्यूटर को एक जोडने वाली मशीन कहना गलत होगा. क्योंकि कम्प्यूटर जोडने के अलावा सैकडों अलग-अलग कार्य करता है.

अगर आप एक लेखक/टाइपिस्ट से पूछोगे कि कम्प्यूटर क्या है? तो वह शायद कहे की कम्प्युटर एक टाइप मशीन हैं. इसी तरह हम एक गेम खेलने वाले बालक से पूछे तो वह शायद कहे कि कम्प्यूटर तो एक गेम मशीन है. कम्प्यूटर ऑपरेटर से पूछोगे तो वह इसे ऑफिस का काम निपटाने वाली मशीन के संदर्भ में परिभाषित करने की कोशिश करेगा.

इसलिए हम कह सकते है कि Computer को किसी एक अर्थ में नही बांधा जा सकता है. कम्प्यूटर का मतलब उसके उपयोग के आधार पर हर व्यक्ति के लिए अलग है.

कम्प्यूटर के इतने अर्थ होने के बावजूद हमने आपके लिए कम्प्यूटर को परिभाषित करने कि एक कोशिश की है. इस कम्प्यूटर की परीभाषा को आप कम्प्यूटर की एक प्रमाणित परिभाषा नही मान सकते है. क्योंकि कार्य के आधार पर कम्प्यूटर के अर्थ भी बदल जाते है.

कम्प्यूटर की परिभाषा – Computer Definition in Hindi


“Computer एक मशीन है जो कुछ तय निर्देशों के अनुसार कार्य को संपादित करते है. और ज्यादा कहे तो Computer एक इलेक्ट्रोनिक उपकरण है जो इनपुट उपकरणों की मदद से आँकडों को स्वीकार करता है उन्हें प्रोसेस करता है और उन आँकडों को आउटपुट उपकरणों की मदद से  सूचना के रूप में प्रदान करता है.”

इस परिभाषा के स्पष्ट है कि कम्प्यूटर युजर द्वारा पहले कुछ निर्देश लेता है जो विभिन्न इनपुट डिवाइसों की मदद से प्रविष्ट कराए जाते है. फिर उन निर्देशों को प्रोसेस किया जाता है, और आखिर में निर्देशों के आधार पर परिणाम देता है जिसे आउटपुट डिवाइसों की मदद से प्रदर्शित करता है.

निर्देशों में कई प्रकार का डेटा शामिल होता है. जैसे; संख्या, वर्णमाला, आंकड़े आदि. इस डेटा के अनुसार ही कम्प्यूटर परिणाम बनाता है. यदि कम्प्यूटर को गलत आंकड़े दिए जाते है तो कम्प्यूटर भी गलत ही परिणाम देता है. मतलब साफ है कि कम्प्यूटर GIGO – Garbage in Garbage Out के नियम पर काम करता है.

क्या आप जानते है?


कम्प्यूटर का जनक “चार्ल्स बैबेज” को माना गया है. इन्होने सन 1833 में Analytical Engine का आविष्कार किया था, जो आधुनिक कम्प्यूटर का आधार बना. इसी कारण उन्हे Father of Computer की उपाधी दी गई.

कम्प्यूटर का पूरा नाम क्या है – Computer Full Form in Hindi


कम्प्यूटर बहु-उपयोगी मशीन होने के कारण आज तक भी इसको एक परिभाषा में नही बाँध पाँए है. इसी कड़ी में कम्प्यूटर का पूरा नाम भी चर्चित रहता है. जिसकी अलग लोगों और संस्थाओं ने अपने अनुभव के आधार पर भिन्न-भिन्न व्याख्या की है. लेकिन, इनमे से कोई भी Standard Full Form नही है. मैंने आपके लिए एक कम्प्यूटर की फुल फॉर्म नीचे बताई है. जो काफी लोकप्रिय और अर्थपूर्ण है.

C – Commonly
O – Operating
M – Machine
P – Particularly
U – Used in
T – Technology
E – Education and
R – Research

अर्थात Commonly Operating Machine Particularly Used in Technology Education and Research.

कम्प्यूटर के विभिन्न प्रकार


कम्प्यूटर के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं. इनके बारे में आप अधिक जानकारी कम्प्यूटर के प्रकार Lesson से ले सकते है.

अनुप्रयोग (Application)


उद्देशय (Purpose)


आकार (Size)


कम्प्यूटर का परिचय – Computer Introduction in Hindi


Computer अपना कार्य अकेला नही कर सकता है. Computer किसी कार्य को करने के लिए कई तरह के उपकरणों तथा प्रोग्राम की सहायता लेता है. Computer के ये उपकरण और प्रोग्राम क्रमश: ‘Hardware तथा Software ‘ के नाम से जाने जाते है. Computer के इन उपकरणों तथा प्रोग्राम के बारे में आप अगले Lessons में जान पाएंगे. एक आम Computer कुछ इस प्रकार दिखाई देता है.

कम्प्युटर के विभिन्न उपकरण

ऊपर जो Computer आप देख रहे है इसे ‘डेस्कटॉप Computer‘ कहते है. वर्तमान समय में इसी प्रकार के Computer अधिक प्रचलित है. इस फोटो में आपको कई अलग-अलग उपकरण दिख रहे होंगे ये सभी मिलकर Computer मशीन को बनाते है. आइए इन उपकरणों के बारे में संक्षिप्त में जानते है.

1. System Unit


System Unit एक बक्सा होता है जिसमें Computer को अपना कार्य करने के लिए आवश्यक यंत्र लगे होते है. सिस्टम युनिट को CPU (Central Processing Unit) भी कहा जाता है. इसमें मदरबोर्ड, प्रोसेसर, हार्ड डिस्क आदि यंत्र होते है जो Computer को कार्य करने लायक बनाते है. इसे Computer Case भी कहते है.

2. Monitor


Monitor एक आउटपुट उपकरण है जो हमें दिए गए निर्देशों के परिणामों को दिखाता है. यह बिल्कुल टीवी के जैसा होता है. वर्तमान में मॉनिटरो की जगह एल सी डी एवं एल ई डी ने ले ली है.

3. Keyboard


Keyboard एक इनपुट उपकरण है जो हमें Computer को निर्देश देने के लिए होता है. इसकी मदद से ही Computer को वांछित आंकडे एवं निर्देश दिए जाते है. इसमे विभिन्न प्रकार की कुंजिया (keys) होती है इन्ही के द्वारा आंकडे एवं निर्देश Computer तक पहुंचाए जाते है. आप यहाँ से Keyboard का उपयोग  करना सीख सकते है.

4. Mouse


Mouse भी एक इनपुट उपकरण है जो Computer को निर्देश देने के लिए होता है. हम इसके द्वारा Computer में उपलब्ध प्रोग्राम को चुनते है. आप यहाँ से Mouse का उपयोग  करना सीख सकते है.

5. Speakers


Speakers आउटपुट उपकरण है जो हमें Computer से आवाज को सुनने में मदद करते है. इन्ही के द्वारा हमें गानों, फिल्मों, प्रोग्रामों तथा खेलों आदि में उपलब्ध ध्वनी सुनाई देती है.

6. Printer


Printer भी एक आउटपुट उपकरण है जो Computer द्वारा विश्लेषित सूचनाओं को कागज पर प्राप्त करने के लिए होता है. कागज पर प्राप्त होने वाली सूचनाओं को ‘हार्डकॉपी‘ भी कहते है. और इसके उलट जो सूचनाए Computer में ही रक्षित रहती है उन्हे ‘सॉफ्टकॉपी’ कहते है.

कम्प्यूटर की विशेषताएं – Characteristics of Computer in Hindi

कम्प्यूटर ने हम इंसानों द्वारा किए जाने वाले अधिकतर कामों पर कब्जा कर लिया हैं और इंसान को उसकी क्षमता से अधिक कार्य-क्षमता प्रदान की हैं. यह सब इस मशीन के खास गुणों के कारण संभव हैं. तभी हम इंसान कम्प्यूटर को अपने जीवन का हिस्सा बना रहे हैं. कम्प्यूटर की कुछ खास विशेषताएँ निम्न हैं.

1. गति – Speed

कम्प्यूटर बहुत तेज गति से कार्य करता हैं.


यह लाखों निर्देशों को केवल एक सैकण्ड में ही संसाधित कर सकता हैं.


इसकी डाटा संसाधित करने की गति को माइक्रोसैकण्ड (10–6), नैनोसैकण्ड (10-9) तथा पिकोसैकण्ड (10-12) में मापा जाता हैं.


आमतौर पर प्रोसेसर की एक युनिट की गति दसियों लाख निर्देश प्रति सैकण्ड यानि MIPS (Millions of Instructions Per Second)


इस मशीन का निर्माण ही तीव्र गति से कार्य करने के लिए किया गया हैं.


2. शुद्धता – Accuracy

कम्प्यूटर GIGO (Garbage in Garbage Out) सिद्धांत पर कार्य करता हैं.


इसके द्वारा उत्पादित परिणाम त्रुटिहीन रहते हैं. अगर किसी परिणाम में कोई त्रुटि आती हैं तो वह इंसानी हस्तक्षेप तथा प्रविष्ट निर्देशों के आधार पर होती हैं.


इसके परिणामों की शुद्धता मानव परिणामों की तुलना में बहुत ज्यादा होती हैं.


3. परिश्रमी – Diligence

कम्प्यूटर एक थकान मुक्त और मेहनती मशीन हैं.


यह बिना रुके, थके और बोरियत माने बगैर अपना कार्य सुचारु रूप से समान शुद्धता के साथ कर सकता हैं.


यह पहले और आखिरी निर्देश को समान एकाग्रता, ध्यान, मेहनत और शुद्धता से पूरा करता हैं.


4. बहुप्रतिभा – Versatility

कम्प्यूटर एक बहु-उद्देश्य मशीन हैं.


यह गणना करने के अलावा अनेक उपयोगी कार्य करने में सक्षम होता हैं.


इसके द्वारा हम टाइपिंग, दस्तावेज, रिपोर्ट, ग्राफिक, विडियों, ईमेल आदि सभी जरूरी काम कर सकते


5. स्वचालित – Automation

यह एक स्वचालित मशीन भी हैं.


यह बहुत सारे कार्यों को बिना इंसानी हस्तक्षेप के पूरा कर सकता हैं.


स्वचालितता इसकी बहुत बडी खूबी हैं.


6. संप्रेषण – Communication

एक कम्प्यूटर मशीन अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों से भी बात-चीत कर सकता हैं.


यह नेटवर्क के जरीए अपना डाटा का आदान-प्रदान एक-दूसरे को आसानी से कर सकते हैं.


7. भंडारण क्षमता – Storage Capacity

कम्प्यूटर में बहुत विशाल मेमोरी होती हैं.


कम्प्यूटर मेमोरी में उत्पादित परिणाम, प्राप्त निर्देश, डाटा, सूचना अन्य सभी प्रकार के डाटा को विभिन्न रूपों में संचित किया जा सकता हैं.


भंडारन क्षमता के कारण कम्प्यूटर कार्य की दोहराव से बच जाता हैं.


8. विश्वसनीय – Reliability

यह एक भरोसेमंद और विश्वसनीय मशीन हैं.


इसका जीवन लंबा होता हैं.


इसके सहायक उपकरणों को आसानी से पलटा और रख-रखाव किया जा सकता हैं.


9. प्रकृति का दोस्त – Nature Friendly

कम्प्यूटर अपना कार्य करने के लिए कागज का इस्तेमाल नहीं करता हैं.


डाटा का भंडारण करने के लिए भी कागजी दस्तावेज नहीं बनाने पडते हैं.


इसलिए कम्प्यूटर अप्रत्यक्ष रूप से प्रकृति के रक्षक होते हैं. और इससे लागत में भी कमी आती हैं.


कम्प्यूटर की सीमाएं – Limitations of Computer in Hindi

कम्प्यूटर एक मशीन हैं जिसे अपना कार्य करने के लिए हम इंसानों पर निर्भर रहना पडता हैं. जब तक इसमे निर्द्श प्रविष्ट नहीं होंगे यह कोई परिणाम उत्पादित नहीं कर सकता हैं.


इसमें विवेक नहीं होता हैं. यह बुद्धिहीन मशीन हैं. इसमें सोचने-समझने की क्षमता नहीं होती हैं. मगर वर्तमान समय में कृत्रिम मेधा (Artificial Intelligence) के द्वारा कम्प्यूटरों को सोचने और तर्क करने योग्य क्षमता विकसित की जा रही हैं.


इसे काम करने के लिए साफ-सुथरे वातारण की जरुरत पडती हैं. क्योंकि धूल-भरी जगह पर इसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती हैं. और यह कार्य करना बंद भी कर सकता हैं.

कम्प्यूटर का इतिहास – History of Computer in Hindi

आधुनिक कम्प्यूटर इतिहास की देन हैं. जिसकी शुरुआत ईसा पूर्व ही हो चुकी थी. जब चीनियों ने अबेकस का आविष्कार किया. इसके बाद विभिन्न प्रकार के स्वचालित मशीने अस्तित्व में आई. और चार्ल्स बैबेज द्वारा बनाया गया स्वाचालित इंजन आज के कम्प्यूटर का आधार बना.

कम्प्यूटर का इतिहास कुछ इसी तरह के उतार-चढावों से भरा हुआ है. जिसके बारे में संक्षेप में नीचे बताया गया हैं.

Abacus दुनिया का पहला गणना यंत्र था जिसके द्वारा सामान्य गणना (जोडना, घटाना) की जा सकती थी.


अबेकस का आविष्कार लगभग 2500 वर्ष पूर्व (इसका सही-सही समय ज्ञात नहीं हैं) चीनीयों द्वारा किया गया.


यह यंत्र 17वीं शताब्दी तक गनना करने का एक मात्र उपकरण बना रहा.


1017 में John Napier ने अपनी किताब “Rabdology” में अपने गणितीय उपकरण का जिक्र किया. जिसका नाम “Napier’s Bones” था. इस डिवाइस का उपयोग उत्पादों की गणना तथा भागफल ज्ञात करने के लिए किया जाता था. इस डिवाइस में गणना करने के लिए इस्तेमाल होने वाली विधि को ‘रेब्दोलॉजी’ कहा जाता था.


इस डिवाइस द्वारा जोडना, घटाना, गुणा, भाग भी किये जा सकते थे.


John Napier के आविष्कार के कुछ साल बाद (1620 के आसपास) ही माननीय William Oughtred ने “Slide Rule” का आविष्कार कर लिया.


इसके द्वारा गुणा, भाग, वर्गमूल, त्रिकोणमीतिय जैसी गणनाएं की जा सकती थी. मगर जोड तथा घटाव के लिए कम इस्तेमाल किया हुआ.


1642 में माथ 18 वर्ष की अल्पायु में फ्रेंच वैज्ञानिक और दार्शनिक ने पहला व्यवहरिक यांत्रिक कैलकुलेटर बनाया.


इस कैलकुलेटर का नाम “पास्कालिन” था. जिसके द्वारा गणना की जा सकति थी.


फिर 1671 में पास्कालिन में सुधार करते हुए एक एडवांस मशीन ‘Step Reckoner’ का आविष्कार हुआ. जो जोडने, घटाने के अलावा गुणा, भाग, वर्गमूल भी कर सकती थी.


Gottfried Wilhelm Leibniz द्वारा विकसित इस मशीन में भंडारण क्षमता भी थी.


Binary System भी इन्ही के द्वारा विकसित किया गया. जिसे एक अंग्रेज ‘George Boole’ ने आधार बनाकर 1845 में एक नई गणितीय शाखा “Boolean Algebra” का आविष्कार किया.


आधुनिक कम्प्यूटर डाटा संसाधित करने और तार्किक कार्यों के लिए इसी बाइनरी सिस्टम और बुलीन अल्जेब्रा पर ही निर्भर रहते हैं.


1804 में फ्रेंच के एक बुनकर ‘Joseph-Marie-Jacquard’ ने एक हथकरघा बनाया. जिसका नाम ‘Jacquard Loom’ था.


इसे पहला ‘सूचना-संसाधित’ डिवाइस माना जाता हैं.


और इस डिवाइस के आविष्कार ने साबित कर दिया कि मशीनों को मशीनि कोड द्वारा संचालित किया जा सकता था.


1820 में फ्रांस के ‘Thomas de Colmar’ ने “Arithmometer” नामक एक नई गणना मशीन बनाई.


जिसके द्वारा गणित के चार बुनियादी कार्य जोडना, घटाना, गुणा, भाग किये जा सकते थे.


मगर द्वितीय विश्व युद्ध के कारण इस मशीन का विकास रुक गया.


आधुनिक कम्प्यूटर के पितामह माननीय ‘Charles Babbage’ ने 1822 में “बहुपदीय फलन” का सारणीकरण करने के लिए एक स्वचालित यांत्रिक कैलकुलेटर का आविष्कार किया.


इस कैलकुलेटर का नाम “Difference Engine” था.


यह भाप द्वारा चलती थी और इसका आकार बहुत विशाल था.


इसमे प्रोग्राम को स्टोर करने, गणना करने तथा मुद्रित करने की क्षमता थी.


इस इंजन के लगभग एक दशक बाद 1833 में “Analytical Engine” डिजाइन किया.


इस इंजन को ही आधुनिक कम्प्यूटर का शुरुआती प्रारुप माना जाता हैं. इसलिए ही “चार्ल्स बैबेज” को कम्प्यूटर का जनक कहा जाता हैं.


इस मशीन मे वे सभी चीजे थी जो मॉडर्न कम्प्यूटर में होती है.


Analytical Engine में Mill (CPU), Store (Memory), Reader and Printer (Input/Output) का काम कर रहे थे.


अब आधुनिक कम्प्यूटर की नींव रखी जा चुकी थी.


इसके बाद कम्प्यूटर ने तेजी से विकास किया. और नई-नई तकनीकों का आविष्कार किया गया. जिसके कारण कम्प्यूटर विशाल कमरे से बाहर निकलकर हमारे हाथ में समा गया. इस विकास क्रम को पीढीयों में बांटा गया है. जिसक वर्णन इस प्रकार हैं.

कम्प्यूटर की पीढीयाँ – Computer Generations in Hindi

पीढी का नामसमयविशेषताएँलोकप्रिय कम्प्यूटरप्रथम पीढी1940 – 1956Vacuum Tube पर निर्भर Punch Cards, Paper Tap, Magnetic Tap का इनपुट एवं आउटपुट डिवाइस के रूप में प्रयोग निर्देश के लिए मशीनी भाषा का प्रयोग Magnetic Drums का उपयोग मेमोरी के लिए किया गया बडा आकार और वजनी महंगे और विश्वसनीय नहीं आम लोगों की पहुँच से दूरENIAC – Electronic Discrete Variable Automatic Computer EDVAC – Electronic Delay Storage Automatic CalculatorUNIVAC – Universal Automatic ComputerIBM-701IBM-650द्वितीय पीढी1956 – 1963Transistor पर आधारित मेमोरी के लिए Magnetic Core (Primary Memory) एवं Magnetic Tap (Secondary Memory) का उपयोग निर्देशों के लिए Assembly Language पर निर्भर High-Level (FORTON, COBOL) मशीनी भाषाओं का विकास परिणाम प्रदर्शित करने के लिए अभी भी Punch Cards और Printouts पर निर्भरता कार्य-विशेष के लिए उपयोगHoneywell 400IBM 7090CDC 1604UNIVAC 1108MARK IIIतृतीय पीढी1964 – 1971 Integrated Circuit पर आधारित आकार छोटा और भरोसेमंद निर्देशों के लिए BASIC, COBOL, PASCAL जैसी है हाइ-लेवल मशीनी भाषा का प्रयोग पाँच कार्ड की जगह पर माउस और कीबोर्ड का उपयोग तथा आउटपुट के लिए मॉनिटर का इस्तेमाल मल्टि-प्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम सामान्य उद्देश्य के लिए इस्तेमालPDP-8PDP-11ICL 2900Honeywell 6000 SeriesTDC-B16IBM-360IMB-370NCR-395  चौथी पीढी1971 – वर्तमानVLSI – Very Large Scale Integrated Circuit तकनीक पर निर्भर माइक्रोप्रोसेसर का इस्तेमाल GUI – Graphical User Interface तकनीक पर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास और उपयोग MS-DOS, MS-Windows, Mac जैसे GUI पर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम का तेजी से विकास हुआ और माइक्रोकम्प्यूटर की क्रांति हुई अधिक तेज, ज्यादा भरोसेमंद आकार में छोटे और हल्के आम आदमी की पहुँच में इंटरनेट का इस्तेमाल C, C++ प्रोग्रामिंग भाषाओं का इस्तेमाल कम खर्चीलेIBM 4341DEC 10STAR 1000PUP 11PCsMacintoshपांचवी पीढीवर्तमान से भविष्यULSI – Ultra Large-Scale Integrated Circuit तथा AI – Artificial Intelligence तकनीक पर आधारित छोटे, हल्के, इस्तेमाल में आसान सस्ते और विश्वसनीय तथा आम इंसान तक सीधी पहुँच कृत्रिम बुद्धि तथा इंटरनेट ओर थिंग्स तकनीक का विकास टचस्क्रीन, वॉइस कंट्रोल का इस्तेमाल C, C++, Java, .net, ASP भाषाओं का उपयोगDesktop PCsMac BooksLaptopsUltra-BooksiPhonesiWatchSmartphonesWearable Devices

Career Opportunities in The Computer Fields – कम्प्यूटर में करियर

कम्प्यूटर फील्ड बहुत वृह्द है. यहां पर कई प्रकार के स्पेशलाइज्ड क्षेत्र विकसित हो चुके है. जिन्हे उपक्षेत्रों में भी बांट दिया गया है. इसलिए, करियर के लिहाज से कम्प्यूटर क्षेत्र हरा-भरा है.

बस, सही ढ़ंग से कोई खेती करने वाला होना चाहिए.

आपकी सुविधा के लिए कुछ लोकप्रिय (सभी नहीं) कम्प्यूटर जॉब्स के बारे में बता रहा हूँ. जिन्हे आप कम्प्यूटर सब्जेक्ट्स तथा इससे संबंधित विषयों की पढ़ाई करके प्राप्त कर सकते है.

#1 Computer Programmer

आप जिस कम्प्यूटर को चला रहे है उसके कोड जो व्यक्ति लिखता है उसे कम्प्यूटर प्रोग्रामर कहते है. यहीं व्यक्ति कम्प्यूटर में मौजूद सभी प्रकार के फंक्शंस के कोड लिखता है. और हमारे लिए कायों को आसान बनाता है.

एक कम्प्यूटर प्रोग्रामर विभिन्न प्रोग्रामिंग भाषाओं का जानकार होता है और इन सभी भाषाओं में कोडिंग करने की योग्यता रखता है. लेकिन, कुछ प्रोग्रामर्स केवल किसी भाषा विशेष पर ही ज्यादा जोर देते है. और उसी भाषा में कोडिंग करते है.

प्रोग्रामर ही डिजाइनर्स तथा एम्प्लोयर के सपनों को हकिकत में बदलते है. और उन्हे वास्तविकता में बदलने का कार्य करते है. साथ में पहले से तैयार प्रोग्राम्स, सॉफ्टवेयर्स की टेस्टिंग, एरर चैंकिंग भी करते हैं.

#2 Hardware Engineer

आप जानते हैं कि कम्प्यूटर अकेली मशीन है. इसे काम करने के लिए बहुत सारे अन्य पार्ट्स की जरूरत पड़ती है. इन अलग-अलग डिवाइसों को बनाने, टेस्ट करने तथा इनका नई जरुरतों के अनुसार विश्लेषण का काम हार्डवेयर इंजिनियर करता है.

कम्प्यूटर सिस्टम में कौनसा पार्ट कहां लगेगा, उसका डिजाइन कैसा होना चाहिए, यूजर्स की सहुलियत का ख्याल जैसे जरूरी काम भी यहीं पेशेवर व्यक्ति करता है.

सॉफ्टवेयर में बदलाव होने पर हार्डवेयर की अनुकूलता (Hardware Compatibility) जांचकर उसे अपडेट करने का काम भी हार्डवेयर इंजिनियर का होता है. आपके कम्प्यूटर में जो रैम लगी है, मदरबोर्ड लगा हुआ है, केबिनेट का डिजाइन ये सभी कार्य हार्डवेयर इंजिनियर ही संभालता है.

अगर, आपका मन नई चीजों को बनाने और उनके साथ खेलना पसंद है तो आप इस करियर में हाथ आजमा सकते है.

#3 Software Developer


इसकी तुलना आप कम्प्यूटर प्रोग्रामर से भी कर सकते है. लेकिन, इनके बीच एक महिन अंतर होता है. जिसे समझना जरूरी होता है. तभी आप इन दोनों करियर्स के बारे में ठीक ढंग से समझ पाएंगे.

एक कम्प्यूटर प्रोग्रामर मुख्य रूप से कम्प्यूटर हार्डवेयर के ऊपर चलने वाले प्रोग्राम्स को बनाता है. जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम, यूटिलिटी प्रोग्राम्स आदि.

और एक सॉफ्टवेयर डवलरपर आम यूजर्स की जरूरतों को पूरा करने के लिए कम्प्यूटर प्रोग्राम्स विकसित करता है. जैसे; एम एस ऑफिस, टेली, वाट्सएप, ब्राउजर आदि.

#4 Web Developer

आप इस आर्टिकल को एक वेबसाइट पर पढ़ रहे है. जिसे वेब डवलपर नें विकसित किया है. इनका मुख्य काम वेबसाइट्स निर्माण करना होता है.

साथ में एक वेबसाइट को लाइव रहने के लिए आवश्यक जरूरी तकनीकि काम जैसे होस्टिंग, सेक्युरिटी आदि भी संभालने की जिम्मेदारी वेब डवलपर की होती है.

यह वेब डिजाइनरों के साथ मिलकर काम करता है. और छोटे बिजनेसेस में तो एक ही ऑफिस शेयर करते है.

#5 Web Designer

एक वेब डिजाइनर का काम वेबसाइट का डिजाइन, कलर, बटन सेटिंग, थीम डिजाइन, यूजर्स के लिए आसान नेविगेशन आदि डिजाइन करना होता है.

यह सभी डिजाइन्स ग्राफिक टूल्स के माध्यम से तैयार करता है. जिन्हे बाद में फ्रंट एण्ड प्रोग्रामिंग भाषाओं के द्वारा वास्तविक रूप दिया जाता है.

इस डिजाइन को एक वेब डवलपर वेबसाइट में जोड़ देता है. और इस तरह एक वेबसाइट बनती है. बहुत जगहों पर यह काम अकेला व्यक्ति ही देखता है. जिसे Full Stack Developer कहा जाता है.

एक Full Stack Developer के पास वेब डिजाइनिंग तथा वेब डवलपिंग दोनों स्किल्स होती है.

#6 Data Scientist

इन्हे डेटा खोदक भी कहा जाता है. क्योंकि, इनका काम विभिन्न प्रकार का डेटा खोदना होता है और उसे डेटा का विश्लेषण करके अर्थपूर्ण हल निकालना होता है.

डेटा साइंटिस्ट्स मुख्य रूप से बड़े-बड़े बिजनेसेस के साथ काम करते है. क्योंकि, यहीं पर डेटा इकट्ठा होता है. इस डेटा को विभिन्न श्रेणीयों में बांटना, उसका विश्लेषण करके कोई खास पैटर्न ढूँढ़ना, फिर किसी समस्या का हल खोजना जैसे महत्वपूर्ण काम डेटा खोदक करता है.

#7 Network Administrator

ऑफिसों में एक साथ सैंकड़ों कम्प्यूटरों पर काम होता है. जो कंपनी, संस्थान, सरकारी विभाग, युनिवर्सिटी आदि संबंधित नेटवर्क से जुड़े रहते है.

इन नेटवर्क का डिजाइन, इन्हे संभालना, टेक्निकल समस्याओं का निवारण जैसे काम एक नेटवर्क एडमिनिस्ट्रैटर करता है.

#8 Game Developer

आपके पसंदीदा गेम को बनाने वाला ही गेम डवलपर होता है. इसके नाम से ही पता चल जाता है कि इसका काम गेम से संबंधित होता है. अब यह गेम डवलपिंग कम्प्यूटर तथा मोबाइल दोनों के लिए हो सकता है.

यह गेम किसी विशेष समस्या को हल करने से लेकर सामान्य मनोरंजन गेम भी हो सकते है. वेबसाइट्स पर यूजर्स को एंगेज करने के उद्देश्य से भी वेब-आधारित गेम्स भी बनाए जाते है. जो वेब सर्वर्स पर चलते है. यूजर्स को इन्हे अपने डिवाइसों में इंस्टॉल करने की जरुरत भी नही रहती है.

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Realme 7 5G की हुई लॉन्चिंग, कुल 5 कैमरे और 5000mAh बैटरी का मिलेगा सपोर्ट, जानिए कीमत और स्पेसिफिकेशन्स


यह Realme 7 5G की प्रतीकात्मक फाइल फोटो है।


नई दिल्ली, टेक डेस्क. Realme 7 5G स्मार्टफोन को यूके में लॉन्च कर दिया गया है। इसमें Octa-Core MediaTek Dimensity 800 Soc का सपोर्ट मिलेगा। नया स्मार्टफोन 120Hz डिस्प्ले के साथ आएगा। Realme 7 5G की कीमत करीब 27,400 रुपये है। यह इसके 6GB रैम 128GB स्टोरेज वेरिएंट की कीमत है। स्मार्टफोन बाल्टिक ब्लू कलर ऑप्शन में आएगा। फोन की बिक्री 27 नवंबर से शुरू होगी। इसे यूके की Amazon वेबसाइट से खरीदा जा सकेगा। फोन को 30 नवंबर तक स्पेशल फ्राइडे डील के तहत 22,500 रुपये में खरीद पाएंगे। 


Realme 7 5G स्पेसिफिकेशन्स 

Realme 7 के  स्पेसिफिकेशन्स की बात कर लेते हैं
क्योंकि बो तो बहुत ही जरुरी होता है | अब 5g फ़ोन है तो specifications भी अच्छे होने चाहिये। आइये जानते है।

Realme 7 5G स्मार्टफोन ड्यूल सिम (नैनो) सपोर्ट के साथ आएगा। यह स्मार्टफोन एंड्राइड 10 आधारित Realme UI पर काम करेगा। फोन में 6.5 इंच का फुल एचडी प्लस डिस्प्ले दिया गया  है। इसका रेजोल्यूशन 1,080x2,400 पिक्सल होगा। फोन डिस्प्ले का 90.5 परसेंट स्क्रीन टू बॉडी रेश्यो और आस्पेक्ट रेश्यो 20:9 के साथ आएगा। डिस्प्ले का रिफ्रेश्ड रेट 120Hz होगा। फोन MediaTek Dimensity 800U SoC सपोर्ट के साथ आएगा। फोन में 6GB रैम का सपोर्ट मिलेगा।

बैटरी 
यहां realme  के इस फ़ोन की बैटरी के बारे मैं बताया गया है।

अगर कनेक्टिविटी की बात करें, तो Realme 7 5G स्मार्टफोन 128GB स्टोरेज के साथ आएगा। वहीं मेमोरी कार्ड की मदद से 256GB तक बढ़ाया जा सकेगा। Realme 7 5G स्मार्टफोन में 5,000mAh बैटरी दी गई है, जिसे 30W डार्ट चार्ज फास्ट चार्जिंग टेक्नोलॉजी का सपोर्ट मिलेगा। इसे 65 मिनट में जीरो से 100 फीसदी तक चार्ज किया जा सकेगा।  


कैमरा 


दोस्तों अब phone 5g  है तो cameras भी 5g type मेरा मतलब cameras भी अच्छे होने चाहिएं।
आजकल phone company customer को लुभाने के लिए phones मै कई कैमरा प्रदान करती है ।
ये तो आजकल का ट्रेंड ही चल पड़ा है।
आइये जानते हैं realme 5g phone camera's के बारे मैं।

अगर फोटोग्राफी की बात करें, तो Realme 7 5G स्मार्टफोन क्वाड रियर कैमरा सेटअप के साथ आएगा। इसका प्राइमरी सेंसर 48MP होगा। इसका अपर्चर साइज f/1.8 होगा। वहीं सेकेंड्री कैमरा के तौर पर 8MP अल्ट्रा वाइड एंगल लेंस का सपोर्ट मिलेगा, जिसका फील्ड ऑफ व्यू 119 डिग्री होगा। वहीं एक मैक्रो लेंस और एक मोनोक्रोम सेंसर का सपोर्ट मिलेगा। इसका अपर्चर साइज f/2.4 होगा। वहीं सेल्फी के लिए 16MP का सपोर्ट मिलेगा। इसमें बोकेह इफेक्ट, AI ब्यूटी, HDR और सुपर नाइट स्केप का सपोर्ट मिलेगा। फोन में सुपर नाइटस्केप मोड, ट्राइपॉड मोड, UIS Max वीडियो स्टैबिलाइजेशन और सिनेमा मोड का सपोर्ट मिलेगा। 

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Photoshop क्या है और इसका उपयोग कैसे करते है what is photoshop


 

Photoshop क्या है और इसका उपयोग कैसे करते है हिंदी में जानकारी

Photoshop किया है
Adobe Photoshop
.           



आपने शादियों तथा इवेंट्स में फोटोग्राफर्स को देखा होगा. और फोटोग्राफी कराई भी होगी.


जब आपके पास फोटोग्राफर फोटो एल्बम बनाकर लाते है तो आप अपने फोटू को देखकर अचंभित हो जाते है. और कह उठते है कि अरे ये मैं हूँ! मैं ऐसा दिखता हूँ…


 
ऐसा होना स्वाभाविक होता है और हर कोई अपने फोटो देखकर ऐसा ही महसूस करता है. क्योंकि प्रोफेशनल फोटोग्राफर्स इन फोटो को एडिट करके साफ-सुथरा बना देते है. साथ में बैकग्राउंड तथा अन्य जरूरी एडिटिंग़ करने के बाद ही आपको फोटो एल्बम सौंपते है.

क्या आपने कभी सोचा ऐसा कैसे संभव हो पाता है क्योंकि फोटू तो आप भी खींच सकते है. मगर, इनके फोटो आपसे अलग कैसे बन जाते है?

चलिए, हम आपको बता देते है. ये सब करामत होती है फोटोशॉप प्रोग्राम की. जी हां, आपने सही सुना फोटोशॉप के द्वारा ही फोटोग्राफर्स आपके फोटो एडिट करते है. क्या आप जानते है फोटोशॉप क्या होता है? फोटोशॉप का उपयोग कैसे करते है?

Photoshop Kya Hai in Hindi
यदि आप भी फोटोग्राफर्स के राज को सीखना चाहते है तो यह लेख आपके लिए ही है. क्योंकि इस लेख में हम फोटोशॉप प्रोग्राम के बारे में पूरी जानकारी दे रहे है. और आपको बतायेंग़े कि फोटोशॉप से पैसे कमाते है? अध्ययन की सुविधा के लिए हमने इस लेख को निम्न भागों में बांटा है.

Table of Content
फोटोशॉप क्या है?
फोटोशॉप वर्कएरिया की जानकारी
फोटोशॉप टूल्स की पूरी जानकारी
फोटोशॉप का इतिहास
फोटोशॉप के फायदें
फोटोशॉप से पैसे कैसे कमायें?
फोटोशॉप कैसे सीखे?
आपने क्या सीखा?
फोटोशॉप क्या है – What is Photoshop in Hindi?
फोटोशॉप एक फोटो एडिटिंग, इमेज क्रिएशन तथा ग्राफिक्स डिजाईनिंग प्रोग्राम है जिसे एडोबे सिस्टम द्वारा विकसित किया गया है. जो मल्टीलेयर के साथ Raster Image Editing के लिए बनाया गया है. साथ में यह सॉफ्टवेयर वेक्टर ग्राफिक्स, टेक्स्ट एडिटिंग़, 3डी ग्राफिक्स को भी सपोर्ट करता है.

फोटोशॉप के द्वारा फोटो एडिटिंग का कम कीमत में बड़ी आसानी से और पेशेवर ढ़ंग से करना संभव हो पाता है. क्योंकि यह मल्टीलेयर के साथ, Masks, Alpha Compositing, Color Models (RGB, CMYK, CIELAB, Spot Color, Duotone शामिल है) की सुविधा उपलब्ध करवाता है.

इन फोटोशॉप फीचर्स के अलावा इसकी कार्यक्षमता को फोटोशॉप प्लग-इन्स के जरिए बढ़ाया जा सकता हैं और Additional Functions तथा Tools भी एड किये जा सकते है.

फोटोशॉप फोटो इंडस्ट्री का सबसे श्रेष्ठ प्रोग्राम बना हुआ है. इसकी लोकप्रियता को देखते हुए अंग्रेजी में लोग Photoshop का उपयोग क्रिया के रूप में भी करते है. इसलिए फोटोशॉप का मतलब (Photoshop Meaning in Hindi) Edited, Photoshopped, Manipulated, Fake भी होता है.

Photoshop Workarea
फोटोशॉप वर्कएरिया का स्क्रीनशॉट
फोटोशॉप वर्कएरिया की जानकारी – Introduction to Photoshop Workarea in Hindi
फोटोशॉप को पहली बार ऑपन करने पर हमारे सामने जो स्क्रीन खुलती है उसे ही फोटोशॉप वर्कएरिया कहते है (ऊपर स्क्रीनशॉट देखिए). यहीं पर इमेज एडिटिंग, ग्राफिक्स डिजाईनिंग तथा फोटो से संबंधित अन्य कार्य किये जाते है. युजर की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इसे कई भागों में बांटा गया है. जिसके बारे में हम नीचे बता रहे है.

Title Bar: सबसे ऊपरी बार टाईटल बार कहलाती है. आपने यह बार अन्य प्रोग्राम्स में भी देखी होगी. इसमें फोटोशॉप का नाम तथा तीन महत्वपूर्ण बटन जुड़े रहते है.

Minimize: इस बटन के द्वारा फोटोशॉप विंडॉ को टास्कबार पर मिनिमाईज किया जाता है. इस दौरान प्रोग्राम डेस्कटॉप से हटकर टास्कबार पर एक छोटे से आइकन के रुप में जुड जाता है. जिसके ऊपर एक क्लिक करके दुबारा वहीं से चालु किया जा सकता है.
Maximize: यह बटन दो रुप में प्रदर्शित होता है. जब प्रोग्राम विंडॉ छोटी होती है तो यह Maximize के ऊप में प्रदर्शित होता है और विंडॉ पूरी खुली होने पर Restore Down के रूप में दिखाई देता है. इस बटन के द्वारा हम फोटोशॉप विंडॉ को छोटा-बड़ा कर सकते है.
Close: फोटोशॉप को बंद करने के काम आता है.
Menu Bar: टाईटल बार के नीचे स्थित इस बार में विभिन्न कमांड्स को समेटे हुए अलग-अलग प्रकार की मेनु होती है. जिनके द्वारा फोटोशॉप में मौजूद फंक्शंस को एक्टिव किया जाता है और उनका उपयोग करन संभव हो पाता है.

Tool Option Bar: जब किसी फोटोशॉप टूल को एक्टिव किया जाता है तो यह बार सक्रिय हो जाती है और संबंधित टूल के लिए अतिरिक्त विकल्प डिस्प्ले करती है. यह बार मेनु बार के नीचे बाएं तरफ मौजूद होती है.

Pallettes Bar: यह बार टूल ऑप्शन बार के दाएं तरफ मौजुद होती है. जहाँ पर विभिन्न Pallettes को जोड़ा जाता है. और यहीं से इनका उपयोग भी किया जाता है. ऐसा करने पर समय की बहुत बचत होती है. जैसे; आप फाईल मैनेजर को सीधे यहीं से एक्सेस कर पाते है. जिससे आपको बार-बार फाईल मेनु में जाने की कोई जरूरत नहीं रहती.

Pallettes: किसी इमेज, ग्राफिक्स अथवा टेक्स्ट के बारे में अतिरिक्त सूचनाएं और फंक्शनेलिटी को विभिन्न छोटी-छोटी विंडॉज के रूप में दाएं तरफ डिस्प्ले किया जाता है. इन्हे ही Pallettes कहा जाता है. युजर इन्हे सुविधा के अनुसार हटा भी सकता है और जगह भी बदल सकता है.

Tool Box: फोटोशॉप टूल्स विभिन्न प्रकार के फंक्शन होते है जो एक खड़ी पट्टीका में जमे रहते है. इस पट्टी को ही टूल बॉक्स कहते है. यह आमतौर पर बाएं तरफ स्थित होती है. मगर इसे भी युजर अपनी सुविधा अनुसार कहीं भी उठाकर रख सकता है.

फोटोशॉप टूल्स के नाम और उनका उपयोग – Photoshop Tools in Hindi
जैसा हमने ऊपर बताया कि यह टूल बॉक्स बाएं तरफ मौजूद एक पट्टी होती है जिसमें विभिन्न प्रकार के टूल रखे होते है. इनकी संख्या फोटोशॉप के संस्करण पर निर्भर करती है. क्योंकि फोटोशॉप के अपडेटेड और नए संस्करणों में इन टूल्स की संख्या बढ़ाई जाती है और कुछ पुराने टूल्स को हटा दिया जाता है. इसलिए आप इन टूल्स का उपयोग करने से पहले फोटोशॉप के संस्करण का ध्यान अवश्य रखें.

फोटोशॉप के पहले संस्करण से लेकर अबतक कुछ टूल्स ऐसे है जो सभी वर्जन में समान रहते है. हम यहाँ इन्ही टूल्स के बारे में जानकारी दे रहे है.

Selection Tools: इस टूल का उपयोग इमेज के किसी विशेष भाग को सेलेक्ट करने के लिए किया जाता है. ताकि इमेज, आकृति, ग्राफिक्स को Cut, Copy, Delete, Edit, Retouch किया जा सके. यह टूल कई प्रकार के सेलेक्शन टूल्स उपलब्ध करवाता है. जिन्हे युजर Down Arrow बटन पर क्लिक करके देख सकता है. या फिर राईट-क्लिक करके भी देखे जा सकते है.

Marquee Tool: इस टूल का काम भी सेलेक्शन करना ही होता है. जो सेलेक्शन के लिए Rectangular, Elliptical, Single Row, Single Column आदि टूल उपलब्ध करवाता है. इसके जरिए चुने हुए एरिया को बाकि ग्राफिक्स को नुकसान पहुँचाएं बगैर संपादित किया जा सकता है. इमेज को क्रॉप भी किया जा सकता है.

Crop Tool: इस टूल का उपयोग इमेज से उपयोग होने लायक एरिया काटेने के लिए किया जाता है. बाकि भाग अपने आप गायब हो जाता है. इसलिए इमेज क्रॉप करने पर फाईल साईज भी कम हो जाता है. इसलिए अन्य सेलेक्शन टूल तथा Marquee Tools के बजाए इसका उपयोग किया जाता है.

Move Tool: इमेज तथा लेयर को इधर-उधर सरकाने का काम मूव टूल के द्वारा किया जाता है. इसे की-बोर्ड से V दबाकर एक्टिव किया जा सकता है.

 
Lasso Tool: इस टूल के द्वारा युजर माउस को ड्रैग करके मन पसंद एरिया को सेलेक्ट कर सकता है. इस टूल में तीन प्रकार के टूल उपलब्ध होते है.

Regular Lasso: इस टूल के द्वारा फोटोशॉप सेलेक्शन का काम करता है युजर को सिर्फ माउस पॉइंटर के जरिए एरिया तक टूल को ले जाना पड़ता है. युजर स्टार्ट पॉइंट से शुरू करता है और एंड पॉइंट पर माउस बटन को छोड़ देता है. इस दौरान कवर किया गया एरिया सेलेक्ट हो जाता है.
Polygonal Lasso: यह टूल केवल सीधी लाईन में सेलेक्शन करता है. इसलिए इसका उपयोग कोनेदार ग्राफिक्स को सेलेक्ट करने के लिए बेहतर रहता है.
Magnetic Lasso: यह टूल अपने आप सेलेक्शन करता है. बस युजर माउस द्वारा इसे सेलेक्शन एरिया तक ले जाता है. यह पिक्सल के अनुसार कोने ढूँढ़कर चिन्ह बनाता रहता है. और शुरुआती बिंदु को अंतिम बिंदु से जोड़ देने से सेलेक्शन पूरा हो जाता है जिसे युजर “Marching Ants” यानि हिलती हुई रेखाओं के जरिए पहचान सकते है.
Magic Wand Tool: यह टूल पिक्सल के आधार पर सेलेक्शन करता है. एक जैसे वैल्यु के पिक्सल जहाँ तक होंग़े उस एरिया को यह एक क्लिक पर सेलेक्ट कर लेता है. इसलिए इस टूल का उपयोग करने से पहले युजर Eyedropper द्वारा सेंपल तय करता है फिर मैजिक वांड टूल का उपयोग करने पर ज्यादा बेहतर परिणाम प्राप्त होते है. सपाट बैकग्राउंड मिटाने के लिए भी यह टूल काम आ जाता है.

Pen Tool: पेन टूल के द्वारा पाथ बनाए जाते है. फोटोशॉप में कई प्रकार के पेन टूल उपलब्ध होते है.

Slice Tool: इस टूल का उपयोग किसी ग्राफिक्स को कई भागों में बांटने के लिए किया जाता है. और प्रत्येक भाग का अलग-अलग उपयोग भी किया जाता है. जिन्हे आप HTML तथा CSS द्वारा एक्टिव कर सकते है.

Clone Stamp Tool: इस टूल का उपयोग डुप्लिकेट बनाने के लिए किया जाता है. युजर पूरी इमेज या फिर विशेष हिस्से का क्लॉन तैयार कर सकता है. और यह सारा काम एक क्लिक से पूरा हो जाता है.

Eraser Tool: इस टूल द्वारा ग्राफिक्स को मिटाने के लिए किया जाता है. यह डिलिट करने से बेहतर टूल है क्योंकि एक बार में आप पूरी इमेज के बजाए सिर्फ किसी विशेष हिस्से को ही मिटा पाने में सफल हो पाते है. और यह सिर्फ एक्टिव लेयर पर ही काम करता है. इसलिए आप अन्य लेयर की चिंता करे बगैर अपना काम कर सकते है. साधारण इरेजर के अलावा इसमें Background Eraser एवं Magic Eraser भी मौजूद होती है. जिनके जरिए आप बैकग्राउंड भी डिलिट कर सकते है.

Shape Tools: इस टूल के जरिए युजर विभिन्न प्रकार के Ready-Made Shapes का इस्तेमाल अपने प्रोजेक्ट में कर सकता है. क्योंकि फोटोशॉप में बहुत प्रकार की शेप्स दी जाती है. जिन्हे माउस को ड्रैग करके बनाया जा सकता है.

Zoom Tool: जूम टूल के द्वारा इमेज को छोटा-बड़ा किया जाता है.

Image Ready: इस बटन के जरिए युजर फोटोशॉप के साथ सम्मिलित एक अन्य प्रोग्राम Image Ready को एक्टिव कर पाता है.

फोटोशॉप का इतिहास – History of Photoshop in Hindi
वर्तमान में फोटोशॉप SaaS (Software as a Service) के रूप में उपलब्ध है. यानि युजर फोटोशॉप तथा इसके साथ विकसित अन्य एडोबे प्रोग्राम्स का उपयोग महिने और साल के आधार पर किराये पर लेकर कर सकता है. मगर यहाँ तक पहुँचने में फोटोशॉप को कई दशकों का सफर तय करना पड़ा है. जिसकी संक्षिप्त जानकारी नीचे दे रहे है.

फोटोशॉप का जन्मदाता थॉमस क्नॉल (Thomas Knoll) है. जिसने अपनी पी. एच. डी के दौरान इस इमेज एडिटिंग़ प्रोग्राम्स की शुरुआत अपने Macintosh Plus कम्प्युटर पर की थी. दरअसल, थॉमस एक ऐसा प्रोग्राम्स डवलप कर रहे थे जो ग्रेस्केल में इमेज को प्रदर्शित करता. और उन्हे कामयाबी भी मिली. थॉमस ने सन 1987 में अपना पहला प्रोग्राम बना लिया जिसे Display नाम दिया.

इस प्रोग्राम के बारे में उनके भाई John Knoll, जो उस समय Industrial Light & Magic में कार्यरत थे, को पता चला. उन्होने इस प्रोग्राम को फुल इमेज एडिटिंग़ प्रोग्राम में विकसित करने की सलाह अपने भाई को दी और इस तरह दोनों भाईयों ने मिलकर फोटोशॉप को तैयार किया.

इस प्रोग्राम का नाम बदलकर उन्होने ImagePro करना चाहा. मगर, यह नाम उपलब्ध नहीं था. इसलिए इसका नाम Photoshop रखा गया. जिसकी शुरुआत में 200 प्रतियाँ बेची गई. इस प्रोग्राम की कामयाबी से प्रभावित होकर Adobe System ने सन 1988 को इसे खरिद लिया और फिर Adobe Photoshop कहलाया.

इसके बाद एडोबे फोटोशॉप के बहुत सारे संस्करण बाजार में आ चुके है. और इसे कई नाम भी मिल चुके है.

2003 तक फोटोशॉप के कुल 7 संस्करण डवलप किये जा चुके थे जिसे Photoshop 7.0 के नाम से भी जानते है. मगर, इसके बाद फोटोशॉप को Creative Suite के साथ Rebrand किया गया और इसका अगला संस्करण Photoshop 8.0 विकसित किया जो Creative Suite के साथ था.
 
Photoshop Create Suite का नाम बदलकर Create Cloud किया गया जो 2013 के बाद सभी संस्करणों के साथ जोड़ा गया. और आज फोटोशॉप को Photoshop Creative Cloud की ब्रैंडि‌ग के साथ बेचा जा रहा है.

फोटोशॉप के फायदें – Uses of Photoshop in Hindi
फोटोशॉप का सबसे बड़ा फायदा यह है कि एक आम कम्प्युटर युजर भी थोड़ी-सी प्रैक्टिस के बाद अपना फोटो एडिट कर सकता है. और ग्राफिक्स भी बनाना शुरु कर देता है. क्योंकि इसका इंटरफेस बहुत ही सरल और युजर फ्रेंडली है. इसलिए ही यह फोटोग्राफर, ग्राफिक डिजाईनर्स, एडवर्टाईजिंग तथा इंटरनेट मीम डिजाईनर्स, विडियो गेम आर्टिस्ट की पहली पसंद है.

फोटोशॉप के द्वारा आप बहुत सारे काम कर सकते है. और विभिन्न प्रकार के ग्राफिक्स प्रोजेक्ट में इसका उपयोग कर सकते है. हम यहाँ कुछ लोकप्रिय फोटोशॉप कार्यों के बारे में बता रहे है. जिनके बारे में जानकारी होने के बाद आपको खुद मालूम चल जाएगा कि फोटोशॉप का क्या महत्व है. और हमे फोटोशॉप क्यों सीखना चाहिए?

Photo Restoration
Photo Masking
Logo Designing
Photo Editing
Adding or Removing Watermark
Photo Composition
Color Correction
Product Retouching
Banner, Flyer Designing
Background Removing
eBook Cover Designing
T-Shirt Designing
Box Designing
Business Card Designing
Visiting Card Designing
Passport Size Photo Creation
Website Mockup Designing
ये तो सिर्फ कुछ ही काम है आप फोटोशॉप का उपयोग बस अपनी कल्पना तक सीमित कर सकते है. आप सोचिए और फोटोशॉप के टूल्स का सही उपयोग करके बना लेंगे. यदि कहीं पर आपको दिक्कत आती है तो एडोबे फोटोशॉप कम्युनिटी आपकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहती है.

फोटोशॉप से पैसे कैसे कमायें – How to Make Money with Photoshop?
क्या फोटोशॉप से पैसे कमाये जा सकते है?

इस सवाल का जवाब देने से पहले आप एक सवाल का जवाब दीजिए. क्या आपने किसी फंक्शन में फोटोग्राफी करवाई है?

यदि आपका जवाब हाँ तो आप अपने फोटोग्राफी बजट से अंदाजा लगा सकते है कि फोटोशॉप से कितना पैसा कमाया जा सकता है. क्योंकि फोटोग्राफर अपना काम फोटोशॉप से ही करते है.

तो यदि आप भी फोटोशॉप से पैसे कमाने के बारे में सोच रहे है तो हम यहाँ फोटोशॉप से संबंधित बिजनेस के बारे में जानकारी दे रहे है. जिन्से आप अच्छा खासा पैसा कमा सकते है.

1. फोटोग्राफी करें

यदि आपको फोटू खींचने का शौक है तो आप फोटोग्राफी का बिजनेस शुरु सकते है. क्योंकि आजकल हर कोई अपने छोटे से छोटे इवेंट्स को यादगार बनाना चाहता है और उसकी यादें सुरक्षित रखना चाहता है. ये सारा काम फोटोग्राफी से ही संभव हो पाता है. इसलिए आप फोटोग्राफी में करियर बना सकते है. क्योंकि यह स्किल फोटोशॉप पर निर्भर रहती है. इसलिए यहाँ इसके बारे में बताना जरूरी है.

2. फोटो एडिटिंग़ जॉब करें

आप फोटोशॉप सीखकर दूसरों के लिए फोटो एडिटिंग़ कर सकते है. आपको ऑनलाइन तथा ऑफलाइन बहुत सारे जॉब्स मिल जाऐंग़े. आप अपने नजदीकि फोटो स्टुडियों में जाकर जॉब ऑपनिंग के बारे में जानकारी जुटा सकते है और जगह खाली होने पर आवेदन कर सकते है.

3. फ्रीलांसिंग करें

यदि आपको ग्राफिक्स तथा वेक्टर बनाने की कला फोटोशॉप में आती है तो आप ऑनलाईन इस कला को बेचकर पैसा कमा सकते है. बस आपको फ्रीलांसिंग़ मार्केटप्लेस वेबसाईट्स पर अपनी फ्री प्रोफाईल बनाकर अपनी मौजूदगी दर्ज करानी होगी. इसके बाद उपलब्ध काम के लिए बोली लगाकर क्लाईंट्स से संपर्क बना सकते है.

4. अपने डिजाईन बेचे

आप खुद की वेबसाईट बनाकर अपने डिजाईन्स, बैकग्राउंड्स, ग्राफिक्स को ऑनलाईन बेचकर भी पैसा कमा सकते है. इसके लिए आपको बस एक वेबसाईट बनाकर अपने प्रोडक्ट्स दिखाने पड़ेगे तथा ऑनलाईन पेमेंट सिस्टम एड करना पड़ेगा. यदि यह काम संभव नहीं है तो दूसरे ऑनलाईन मार्केटप्लेस पर अपने डिजाईन्स बेचे जा सकते है. अमेजन, फ्लिपकार्ट, ईबे से शुरुआत कर सकते है. 

5. फोटोशॉप ट्रैनिंग दें

आप दूसरों को फोटोशॉप सिखाकर भी पैसा कमा सकते है. इसके लिए आप चाहे तो ऑफलाईन ट्रैनिंग स्कुल खोलकर लोगों को फोटोग्राफी तथा फोटोशॉप सिखा सकते है. या फिर आप ऑनलाईन भी विडियो कोर्स के जरिए ट्रैनिंग दे सकते है.

6. फोटोशॉप पर किताब लिखें

यदि आप एक पेशेवर फोटोग्राफर है और आपकी बाजार में मांग़ है. तब आप फोटोग्राफी तथा फोटोशॉप के ऊपर किताब लिखकर भी पैसा कमा सकते है. और पैसा कमाने के साथ नाम भी बना सकते है.

 
7. ग्राफिक डिजाईनिंग़ सेवा दें

आप फोटो के अलावा विजिटिंग़ कार्ड, बुक कवर, फ्लायर आदि की डिजाईनिंग़ का बिजनेस भी कर सकते है और किसी प्रिटिंग़ प्रेस से संपर्क करके छपवा सकते है. या फिर आप यहीं पर जॉब भी कर सकते है.

फोटोशॉप कैसे सीखे – Learn Photoshop in Hindi?
फोटोशॉप कैसे सीखे (How to Learn Photoshop in Hindi)?

इस सवाल का जवाब आपके ऊपर ही निर्भर करता है. आप निवास स्थल, उम्र, शिक्षा आदि के अनुसार उपलब्ध विकल्पों में से अपने लिए उपयुक्त का चुनाव करके फोटोशॉप सीख सकते है. हम आपको कुछ तरीके बता रहे है जिन्से आप घर बैठे फोटोशॉप सीख सकते है.

कम्प्युटर इंस्टिट्यूट में एडमिशन लें: यदि आपके नजदीक कोई कम्प्युटर इन्स्टिट्यूट मौजूद है जो फोटोशॉप के साथ फोटोग्राफी भी सिखाता है. तो आप यहाँ एडमिशन लेकर फोटोशॉप की ट्रैनिंग ले सकते है.

ऑनलाईन कोर्स खरिदें: यदि आपके पास पर्याप्त समय नहीं है. यानि किसी और कारण से आप इंस्टिट्यूट जॉइन नहीं कर सकते है. तो आप ऑनलाईन कोर्स के माध्यम से फोटोशॉप घर बैठकर ही सीख सकते है. इसका फायदा यह है कि आप जब चाहे तब सीख सकते है. आपको निश्चित टाईम टेबल फॉलो करने की भी कोई जरूरत नहीं रहेगी.

किताबे खरिदें: आप फोटोशॉप की किताबें खरिदकर फोटोशॉप सीख सकते है. किताबों के जरिए आप एक-एक फोटोशॉप स्किल को स्टेप बाए स्टेप तरीके से सीख पाते है और आप एक टास्क को सीखने मे फुल समय लगा सकते है. आपके ऊपर समय की कोई पांबंदी भी नही होगी. फोटोशॉप से संबंधित किताबे आप ऑनलाईन खरिद सकते है. 

युट्यूब से सीखें: यदि आप फ्री में फोटोशॉप सीखने के बारे में सोच रहे है तो यूट्यूब आपके लिए उपयुक्त साधन रहेगा. यहाँ पर आपको हजारों विडियों फोटोशॉप से संबंधित मिल जाएंग़े. लेकिन, युट्यूब ज्ञान को कम विश्वसनीय माना जाता है और समुचित गाईडलाईंस भी नही मिल पाती है. सबसे बड़ा नुकसान आपके समय होता है क्योंकि बढ़िया विड़ियों ढूँढ़ने में आपका कीमती समय बेकार चला जाता है. फिर भी आप एक बार इसे ट्राई जरूर करें.

फोटोशॉप एक्सपर्ट से सीखें: आप अपने लिए किसी जान-पहचान वाले फोटोशॉप एक्सपर्ट से ट्रैनिंग ले सकते है. यह फोटोशॉप ट्रैनिंग सिर्फ आपको दी जाएगी. इसलिए ज्यादा जल्दी आप फोटोशॉप में पारंगत हो जाते है. मगर, यह ट्रैनिंग जेब पर भारी पड़ सकती है.

सेल्फ लर्निंग: अपने कम्प्युटर या लैपटॉप में फोटोशॉप इंस्टॉल करिए और चलाना शुरू कर दीजिए. आप फोटोशॉप हेल्प तथा कम्युनिटी से मदद लेकर सेल्फ लर्निंग के माध्यम से फोटोशॉप सीख सकते है.

आपने क्या सीखा?
इस लेख में हमने आपको फोटोशॉप के बारे में पूरी जानकारी दी है. आपने जाना कि फोटोशॉप क्या होता है? इसका उपयोग कैसे करते है, फोटोशॉप कैसे सीखे और फोटोशॉप के बनने की कहानी भी फोटोशॉप के इतिहास में जानी है. साथ में आपने जाना कि फोटोशॉप से पैसे कैसे कमाए जाते है? हमे उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा.

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